उच्च और नीच के ग्रह (Exalted and Debilitated Planets) भारतीय ज्योतिष में ग्रहों की स्थिति को दर्शाने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इन ग्रहों का प्रभाव व्यक्ति की कुंडली पर विभिन्न प्रकार से पड़ता है, और इनकी स्थिति जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रभाव डाल सकती है।
उच्च (Exalted) ग्रह:
जब कोई ग्रह अपनी उच्च स्थिति में होता है, तो वह अपनी पूरी ताकत और सकारात्मक प्रभाव दिखाता है। यह ग्रह व्यक्ति के जीवन में सफलता, समृद्धि और अच्छे परिणाम लाता है। प्रत्येक ग्रह का एक निश्चित राशि होती है, जहाँ वह उच्च स्थिति में होता है।
उच्च के ग्रह और उनकी राशियाँ:
उच्च स्थिति में ग्रह विशेष रूप से अपने अच्छे परिणाम देता है। उदाहरण के लिए, बृहस्पति जब कर्क राशि में होता है, तो व्यक्ति को धार्मिक, आध्यात्मिक और मानसिक शांति मिलती है।
नीच (Debilitated) ग्रह:
जब कोई ग्रह अपनी नीच स्थिति में होता है, तो वह अपने अच्छे प्रभाव को कम कर देता है और व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की कठिनाइयाँ और चुनौतियाँ उत्पन्न करता है।
नीच के ग्रह और उनकी राशियाँ:
नीच स्थिति में ग्रह व्यक्ति की कुंडली में नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए, यदि बृहस्पति मकर राशि में होता है, तो व्यक्ति को शिक्षा, करियर, और आध्यात्मिक उन्नति में समस्याएँ हो सकती हैं।
उच्च और नीच ग्रह का प्रभाव:
- उच्च ग्रह व्यक्ति को मानसिक शक्ति, आत्मविश्वास, और सफलता प्रदान करते हैं। ये ग्रह अच्छे परिणाम देते हैं, जैसे कि धन, करियर में प्रगति, और अच्छे संबंध।
- नीच ग्रह समस्याएँ उत्पन्न करते हैं, जैसे कि मानसिक अशांति, रिश्तों में तनाव, और जीवन में असफलताएँ। लेकिन सही उपायों से इन ग्रहों के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।
उपाय:
उच्च और नीच के ग्रहों के प्रभाव को संतुलित करने के लिए, निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- मंत्र जाप: उच्च और नीच ग्रहों के लिए विशेष मंत्रों का जाप करना लाभकारी होता है।
- ग्रह संबंधित पूजा: संबंधित ग्रह की पूजा और हवन करके ग्रहों के दोषों को दूर किया जा सकता है।
- रत्नों का उपयोग: उचित रत्न पहनने से भी ग्रहों के प्रभाव को संतुलित किया जा सकता है।
उच्च ग्रहों का प्रभाव (Exalted Planets' Influence):
जब कोई ग्रह अपनी उच्च स्थिति में होता है, तो यह ग्रह अपनी पूरी ताकत और सकारात्मक ऊर्जा के साथ कार्य करता है। यह व्यक्ति की कुंडली में शांति, सफलता और समृद्धि लाने में मदद करता है। उच्च ग्रह व्यक्ति के जीवन में कई अच्छे परिणाम उत्पन्न करते हैं और यह व्यक्ति को मानसिक रूप से मजबूत, आत्मविश्वासी और सक्षम बनाता है।
उच्च ग्रह के लाभ:
सूर्य (सिंह राशि में):
- व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और प्रतिष्ठा मिलती है।
- यह व्यक्ति को समाज में उच्च स्थान और सम्मान दिलाता है।
- व्यक्ति में सृजनात्मकता, महत्वाकांक्षा और उदारता का विकास होता है।
चन्द्रमा (वृषभ राशि में):
- मानसिक शांति और संतुलन मिलता है।
- व्यक्ति का मन स्थिर रहता है और वह भावनात्मक रूप से सशक्त होता है।
- यह व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि और परिवार में सुख-शांति का अनुभव कराता है।
मंगल (मेष राशि में):
- व्यक्ति को साहस, प्रेरणा और आत्मनिर्भरता प्राप्त होती है।
- यह व्यक्ति को प्रतिस्पर्धी माहौल में विजय दिलाता है और कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
- यह किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक समस्याओं से लड़ने की क्षमता देता है।
बुध (कन्या राशि में):
- बुद्धि और निर्णय क्षमता में वृद्धि होती है।
- व्यक्ति को अच्छे व्यापार और शैक्षिक परिणाम मिलते हैं।
- यह व्यक्ति को संवाद कौशल, लेखन और वाणी में सफलता प्रदान करता है।
गुरु (बृहस्पति - कर्क राशि में):
- व्यक्ति को आध्यात्मिक, मानसिक और शैक्षिक उन्नति प्राप्त होती है।
- यह व्यक्ति को दयालुता, समझदारी और उदारता का गुण देता है।
- गुरु का उच्च स्थान व्यक्ति को जीवन के सभी क्षेत्रों में समृद्धि और सफलता देता है।
नीच ग्रहों का प्रभाव (Debilitated Planets' Influence):
जब कोई ग्रह अपनी नीच स्थिति में होता है, तो उसका प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। नीच ग्रह व्यक्ति के जीवन में समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं, जैसे मानसिक अशांति, शारीरिक स्वास्थ्य में कमी, या जीवन में विफलता। नीच ग्रहों से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए उपायों की आवश्यकता होती है।
नीच ग्रह के नुकसान: सूर्य (तुला राशि में):
- व्यक्ति में आत्मविश्वास की कमी हो सकती है।
- समाज में प्रतिष्ठा में कमी आ सकती है और अपने अधिकारों का सही उपयोग नहीं कर पाता है।
- यह व्यक्ति को आलस्य और असमर्थता की ओर ले जा सकता है।
- मानसिक तनाव और अस्थिरता बढ़ सकती है।
- व्यक्ति को परिवार और रिश्तों में समस्याएँ हो सकती हैं।
- यह व्यक्ति को भावनात्मक रूप से कमजोर बना सकता है।
मंगल (मीन राशि में):
- यह व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ दे सकता है।
- आत्मनिर्भरता की कमी हो सकती है और निर्णय लेने में समस्या हो सकती है।
- कार्यक्षेत्र में संघर्ष और विवाद बढ़ सकते हैं।
बुध (मीन राशि में):
- मानसिक भ्रम और निर्णय लेने में कठिनाई हो सकती है।
- व्यापार या शैक्षिक कार्यों में सफलता में कमी आ सकती है।
- यह व्यक्ति को संवाद में समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है और विचारों की अस्पष्टता हो सकती है।
गुरु (बृहस्पति - मकर राशि में):
- व्यक्ति को मानसिक और शैक्षिक समस्याएँ हो सकती हैं।
- जीवन में आध्यात्मिक विकास में रुकावटें आ सकती हैं।
- यह व्यक्ति को आलस्य और संघर्ष का सामना करा सकता है।
उपाय (Remedies for Exalted and Debilitated Planets):
उच्च ग्रह के उपाय:
- सूर्य: सूर्य के लिए रविवार के दिन ताम्र धातु में सूर्य यंत्र पहनना और सूर्य मंत्र का जाप करना (ॐ घृणि सूर्याय नमः)।
- चन्द्रमा: चन्द्रमा के लिए सफेद रत्न (मोती) पहनना, चन्द्रमा से संबंधित मंत्र (ॐ सोमाय नमः) का जाप करना।
- मंगल: मंगल के लिए मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करना और लाल मूँग या लाल रत्न पहनना।
- बुध: बुध के लिए बुद्धि वर्धन यंत्र और हरे रंग के रत्न पहनना, बुध मंत्र (ॐ बुद्धाय नमः) का जाप करना।
- गुरु: गुरु के लिए गुरुवार को बृहस्पति देव की पूजा करना और पीला वस्त्र पहनना।
नीच ग्रह के उपाय:
- सूर्य: सूर्योदय से पूर्व तांबे के बर्तन में पानी पीना और सूर्य देव की पूजा करना।
- चन्द्रमा: चांदी का रत्न पहनना और सफेद रंग के वस्त्र पहनना।
- मंगल: मंगल दोष निवारण के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना और लाल रत्न पहनना।
- बुध: बुध के लिए व्रत करना और हरे रंग का रत्न पहनना।
- गुरु: बृहस्पति के लिए पीला रत्न पहनना और बृहस्पति देव की पूजा करना।