कुंडली मिलान (गुण मिलान) वैदिक ज्योतिष का एक प्रमुख हिस्सा है, जो विवाह के लिए उपयुक्तता और दीर्घकालिक समरसता का विश्लेषण करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया विभिन्न पहलुओं जैसे गुण, ग्रहों की स्थिति, और दोषों का ध्यान रखते हुए की जाती है।
यहां कुंडली मिलान के 10 महत्वपूर्ण टिप्स दिए गए हैं:
अष्टकूट मिलान
अष्टकूट मिलान कुंडली मिलान का आधार है, जिसमें 36 गुणों की गणना की जाती है। यह आठ पहलुओं—वरना, वश्य, तारा, योनि, ग्रह मैत्री, गण, भकूट, और नाड़ी—पर आधारित है। कम से कम 18 गुण मिलने चाहिए।
मंगल दोष
यदि किसी की कुंडली में मंगल दोष (मंगलीक दोष) है, तो यह वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। दोनों पक्षों की कुंडली में मंगल दोष का संतुलन देखना आवश्यक है।
नाड़ी दोष
नाड़ी दोष, जो संतानों और स्वास्थ्य से संबंधित है, सबसे गंभीर माना जाता है। यदि नाड़ी दोष पाया जाता है, तो इसका समाधान वैदिक उपायों से किया जा सकता है।
चंद्रमा
चंद्रमा मानसिक संतुलन और भावनात्मक स्थिरता का प्रतीक है। दोनों पक्षों की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए।
ग्रहों की मित्रता
ग्रह मैत्री (planetary frienship) यह दर्शाती है कि दोनों व्यक्तियों के ग्रह एक-दूसरे के अनुकूल हैं या नहीं। अनुकूल ग्रह मैत्री वैवाहिक जीवन में संतुलन लाती है।
दोष
कुंडली में दोषों (जैसे कालसर्प दोष, पित्र दोष) की पहचान करें और उन्हें दूर करने के उपाय करें। यह शादी के बाद संभावित समस्याओं को कम करता है।
भकूट दोष
भकूट दोष जीवन में स्वास्थ्य और करियर की बाधाओं का संकेत देता है। यदि दोष हो, तो विशेषज्ञ उपाय सुझाते हैं।
शुभ ग्रह
शुभ ग्रह (जैसे गुरु, शुक्र) वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि लाते हैं। यह देखना चाहिए कि शुभ ग्रह दोनों कुंडलियों में मजबूत स्थिति में हैं।
दशा
विवाह के समय चल रही ग्रह दशा का भी मूल्यांकन करें।
समग्र विश्लेषण
कुंडली मिलान केवल गुण मिलान तक सीमित नहीं है। सभी पहलुओं, दोषों और व्यक्तिगत ग्रह स्थितियों का समग्र मूल्यांकन करें।
कुंडली मिलान केवल परंपरा नहीं, बल्कि विज्ञान है, जो वैवाहिक जीवन की सफलता को सुनिश्चित करने में मदद करता है। इसके लिए अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श लेना और आवश्यक वैदिक उपाय अपनाना आवश्यक है।
यदि आप वैदिक ज्योतिष से जुड़ी और अधिक जानकारी या सेवाएं चाहते हैं, तो Amrit Gyan की वेबसाइट www.amritgyan.com पर संपर्क करें।